ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई ने ईरान के खिलाफ ज़ायोनी और वैश्विक साम्राज्यवाद के अपराधों का जिक्र करते हुए कहा कि अपराधी को ऐसे ही नाहि छोड़ा जा सकता।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को हाल ही में हुए इन अपराधों की अदालतों में सुनवाई करना जरूरी है, चाहे वह घरेलू न्यायिक अदालतें हों या अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक अदालतें, लेकिन अपराधी को छोड़ना नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमें पिछले कई मामलों में ऐसा करना चाहिए था और हम पिछले वर्षों में असफल रहे। कोशिश करें इस बार असफल न हों। अगर इस मामले को आगे बढ़ाने और इसे अंतर्राष्ट्रीय, और घरेलू अदालतों के साथ-साथ अपनी अदालतों में भेजने में अगर बीस साल भी लग जाते हैं, तो कोई बात नहीं यह काम ज़रूर किया जाना चाहिए।
आयतुल्लाह खामेनेई ने कहा कि अपराधी का गिरेबान ज़रूर पकड़ा जाना चाहिए। आख़िरकार, किसी व्यक्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय अदालत पर आरोप लगाना संभव है और सच्चाई यह है कि यह एक निश्चित शक्ति पर निर्भर है। संभव है एक दिन ऐसा होता है, लेकिन जरूरी नहीं कि दूसरे दिन भी ऐसा ही हो। एक दिन आप किसी एक न्यायाधीश को वहाँ पाएंगे, जो आज़ाद है, एक स्वतंत्र न्यायाधीश। इस मामले को बहुत गंभीरता से, बहुत दृढ़ता से, पूरी जागरूकता के साथ, सभी पहलुओं पर विचार करते हुए आगे बढ़ें।
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