शैतानी कामों में से एक डराना और धमकाना है। शैतान तुम्हें मुफ़लिसी और तंगदस्ती से डराता है। (सूरए बक़रह, आयत-268)
दूसरी तरफ़ शैतान वादे करता है, धोखे से भरे वादे, इस बारे में भी क़ुरआन मजीद में जिक्र हुआ है कि "वह शैतान लोगों से वादे करता है और उन्हें (झूठी) उम्मीदें दिलाता है। और उनसे शैतान वादा नहीं करता मगर फ़रेब के तौर पर वादे करता है। (सूरए निसा, आयत-10)
एक तरफ़ धमकी, दूसरी तरफ़ लालच, वही रवैया जो आज अमेरिका का है और साम्राज्यवादी ताक़तों का हमेशा से यही रवैया रहा है। एक तरफ़ से धमकी देते हैं और दूसरी तरफ़ से लालच। शैतान का काम यही है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई
02/07/2014
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