ईरानी संसद से विश्वासमत प्राप्त करने के बाद, इराक़ची ने अपने पहले इंटरव्यू में कहाः विदेश मंत्रालय यूरोपीय देशों के साथ संबंधों में सुधार करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए पहले उन्हें शत्रुतापूर्ण रवैया छोड़ना होगा और 2015 परमाणु समझौते को जीवित करने के लिए प्रयास करने होंगे।
जापान की क्यूडो न्यूज़ एजेंसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहाः मैंने संसद में अपने भाषण में कहा है कि हमारा उद्देश्य, गंभीर वार्ता द्वारा प्रतिबंधों और विशेष रूप से एकपक्षीय प्रतिबंधों को हटवाना है।
उन्होंने ईरान और जापान के बीच अच्छे संबंधों का उल्लेख करते हुए कहाः
ईरान का विदेश मंत्रालय तेहरान और टोक्यो के बीच सभी क्षेत्रों में संबंधों को मज़बूत बनाने पर काम करेगा और जापान के अपने गहन ज्ञान के आधार पर बनाए गए व्यापक रोड मैप के आधार पर क्षेत्रीय संकटों से निपटने के लिए टोक्यो के साथ सहयोग करेगा।
उन्होंने कहा कि ईरान, तेल और ऊर्जा के क्षेत्र में जापानी कंपनियों का स्वागत करेगा। ईरान का मानना है कि दोनों देशों के बीच सहयोग की असीम संभावनाएं हैं, जिससे पूरे एशिया में एक लाभदायक भागीदारी बन सकती है।
ईरानी विदेश मंत्री का कहना था कि दोनों देशों के बीच दोस्ती, परस्पर समझ, सम्मान और भरोसा बना हुआ है। ईरान की नई सरकार पूर्वी एशिया के साथ अपने संबंधों में विस्तार पर काम करेगी।