अंतर्राष्ट्रीय ग़रीबी रेखा के अनुसार ग्लोबल ट्रेंड चाइल्ड मॉनेटरी पॉवर्टी नामक रिपोर्ट में अत्यधिक ग़रीबी से पीड़ित बच्चों का मूल्यांकन किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2013 से 2022 तक प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम पर गुज़रा करने वाले बच्चों की संख्या 38.3 मिलियन से घटकर 33.3 मिलियन हो गई है।
विश्लेषण से पता चला कि 2022 तक गरीबी में रहने वाले 33.3 मिलियन बच्चों का समर्थन करना और गरीबी के मूल कारणों का समाधान करना महत्वपूर्ण है।