संयुक्त अरब अमीरात ने यमन जनांदोलन केफिलिस्तीन के समर्थन में इस्राईल और अमेरिका से उलझने के दौरान अपनी मिलिशिया एसटीपी के सहारे बड़ा खेल कर दिया है।
एसीटीपी नेसबसे पहले हज़्रमौत पर कब्जा किया अब एसटीपी के लड़ाके राजधानी सनआ की ओर बढ़ रहे हैं। यहां अगर एसटीपी का कब्जा होता है तो सऊदी को बड़ा झटका लगेगा। मिडिल ईस्ट में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के बीच चुपचाप शह-मात का खेल जारी है। सऊदी ने सूडान गृह युद्ध में अमेरिका की एंट्री कराकर हाल ही में यूएई पर शिकंजा कसा था। अब यूएई ने पड़ोसी यमन में सऊदी का खेल कर दिया है। यूएई के इस खेल पर सऊदी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बीबीसी अरबी के मुताबिक एक वक्त सऊदी और यूएई मिलकर यमन जनांदोलन के खिलाफ लड़ते थे, लेकिन दक्षिण संक्रमणकालिन परिषद (एसटीपी) के जरिए अब यूएई ने यमन में खुद आगे बढ़ने का फैसला किया है। इस फैसले ने सऊदी की टेंशन बढ़ा दी है। क्योंकि, अगर एसटीपी का यमन पर पूर्ण कब्जा होता है तो लाल सागर में यूएई का सीधा दखल हो जाएगा।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हद्रामौत पर कब्जा करने के बाद एसटीपी के लड़ाके अब राजधानी सनआ की ओर बढ़ रहे हैं। इस्राईल और और अमेरिका पहले ही यमन को निशाने पर लिए हैं। एसीटीपी से संघर्ष में उन्हें मैदान में आनाा पड़ेगा, जहां अमेरिका और इस्राईल की स्ट्राइक का खतरा बना रहेगा।
अगर ऐसा हुआ तो संयुक्त अरब अमीरात को इससे लाल सागर पर आसानी से एक्सेस मिल जाएगा। यमन लाल सागर के कॉर्नर पर स्थित है। अब तक लाल सागर पर यमन के अलावा सऊदी का ही दबदबा रहा है। लाल सागर से दुनियाभर का 12 प्रतिशत व्यापार होता है. मिडिल ईस्ट के लिए यह काफी अहम है।
11 दिसंबर 2025 - 13:39
समाचार कोड: 1760558
अब तक लाल सागर पर यमन के अलावा सऊदी का ही दबदबा रहा है। लाल सागर से दुनियाभर का 12 प्रतिशत व्यापार होता है. मिडिल ईस्ट के लिए यह काफी अहम है
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