शंघाई सहयोग संगठन के महासचिव झांग मिंग ने शुक्रवार को ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान से टेलीफोन पर बातचीत में इस संगठन में ईरान की पूर्ण सदस्यता पर संतोष व्यक्त करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि इस संगठन की आगामी बैठक में आधिकारिक रूप से ईरान की पूर्ण सदस्यता की घोषणा कर दी जाएगी।
उनका कहना था कि 4 जुलाई से ईरान के पास संगठन के सदस्य देशों से जुड़े सभी अधिकार होंगे।
पिछले हफ़्ते शंघाई सहयोग संगठन के मामलों में रूसी राष्ट्रपति के सलाहकार बख्तियार हकीमोव ने कहा था कि ईरान ने पूर्ण सदस्यता के लिए आवश्यक कार्यवाहियां पूरी कर ली हैं और आगामी बैठक में जो नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित होगी, ईरान की पूर्ण सदस्यता की स्वीकार की जाएगी।
2001 में बनने वाले स्थापित, शंघाई सहयोग संगठन एक अंतरमहाद्वीपीय गठबंधन है जो राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित है। यह संगठन, जिसमें विश्व की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या शामिल है, विश्व के सकल घरेलू उत्पाद के 28 प्रतिशत की हिस्सेदारी अदा करता है।
आज शंघाई जैसे संगठनों में सदस्यता, जिसमें महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ के अलावा, अपने स्वयं के राजनीतिक और सुरक्षा आयाम भी हैं, देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में सदस्यता से देशों की आर्थिक क्षमताओं का विस्तार होता है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुपक्षीय बातचीत के अवसर पर प्रशस्त होते हैं।
इस बात के दृष्टिगत कि शंघाई संगठन के सदस्य देशों सहित क्षेत्रीय देशों के साथ बातचीत और संबंध तथा क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्थाओं में प्रभावी उपस्थिति, ईरान की वर्तमान सरकार की विदेश नीति का केंद्रीय मुद्दा है इसीलिए ईरान सरकार पिछले दो वर्षों में सदस्य देशों के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। तेहरान ने गंभीर राजनयिक उपायों को प्राथमिकता दी और सभी शंघाई सदस्यों की सहमति प्राप्त करने में सक्षम रहा।
इस संदर्भ में ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने सितम्बर 2021 में ताजेकिस्तान का दौरा किया और शंघाई सहयोग संगठन के 21वें शिखर सम्मेलन में भाग लेकर, इस संगठन में ईरान की सदस्यता को पर्यवेक्षक से स्थायी में बदलने की अनुमति प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की।
ज़ाहिर सी बात है कि शंघाई सहयोग संगठन में ईरान की पूर्ण सदस्यता को अंतिम रूप देना, विभिन्न राजनीतिक और आर्थिक पहलुओं से महत्वपूर्ण है क्योंकि अब से ईरान, शंघाई सहयोग संगठन के स्थायी और मुख्य सदस्यों में से एक होगा। (AK)
342/