ईरान में क़रीब दो महीने पहले कुर्द लड़की महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में मौत के बहाने लंदन स्थित ईरान इंटरनेशनल टीवी चैनल ने देश को बांटने और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की योजना चलाई है। बीबीसी फ़ार्सी टीवी चैनल ने भी लगभग यही भूमिका निभाई है।
ईरान की मानवाधिकार समिति के सचिव काज़िम ग़रीबाबादी ने न्यूयॉर्क में क़रीब 100 देशों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने इन मुलाक़ातों में देश में फैलने वाले दंगों की सही तस्वीर पेश की और इन दंगों में ईरान विरोधी संचार माध्यमों की भूमिका से पर्दा उठाया।
ग़रीबाबादी का कहना था कि इस दौरान बीबीसी फ़ार्सी और ईरान इंटरनेशनल ने आतंकवादी गुटों और अलगाववादी गुटों के नेताओं के सैकड़ों इंटरव्यू प्रसारित किए और दंगाईयों को हिंसा के लिए प्रोत्साहित किया।
उनका कहना था कि हमने 100 देशों के प्रतिनिधियों के सामने प्रमाणित रूप से अपनी बात रखी है।
ग़रीबाबादी ने कहा कि इन संचार माध्यमों की भूमिका किसी भी आतंकवादी गुट से कम ख़तरनाक नहीं है, इसीलिए ईरान के सूचना मंत्रालय ने ईरान इंटरनेशनल टीवी चैनल को एक आतंकवादी चैनल और उसके स्टाफ़ को आतंकवादी घोषित किया है। ऐसा ही बीबीसी फ़ार्सी के साथ भी किया जा सकता है। msm
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