शुक्रवार को रमज़ान की एक पवित्र रात शबे क़द्र में इबादत के लिए इकट्ठा होने वाले फ़िलिस्तीनी नमाज़ियों पर ज़ायोनी सैनिकों ने हमला करके सैकड़ों लोगों को घायल कर दिया था।

उसके बाद शनिवार को भी फ़िलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इस्राईली सैनिकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें एक वर्षीय बच्चे समेत दर्जनों फ़िलिस्तीनी घायल हो गए।
शनिवार को तुर्क राष्ट्रपति अर्दोगान ने कहा कि यह हमला, दरस असल सभी मुसलमानों पर हमला था। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ से कहा कि फ़िलिस्तीनियों की नस्लकुशी बंद करवाए।
उन्होंने कहाः इस्राईल एक क्रूर आतंकवादी है, जो यरूशलम (बैतुल मुक़द्दस) में मुसमलानों पर हमले कर रहा है, जो अपने घरों और धार्मिक पवित्र स्थलों को बचाने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं।
बैतुल मुक़द्दस में हिंसा का नया दौर उस वक़्त शुरू हुआ, जब इस्राईल ने शहर के पूर्वी इलाक़े शेख़ जर्राह से जबरन फ़िलिस्तीनियों को उनके घरों से निकालना शुरू कर दिया।
अर्दोगान ने फ़िलिस्तीनियों को उनके घरों से निकालने को लेकर इस्राईल को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि अपराधियों को सज़ा दिलवाने के लिए उनसे जो हो सकेगा, वह करेंगे।