20 दिसंबर 2025 - 13:27
इमाम क्यों ज़रूरी है?

ऐसा न हो तो खौफ और उम्मीद खत्म हो जाएगी और कोई भी गलत काम से नहीं रुकेगा, और तदबीरें बेअसर हो जाएंगी।

:امام علی علیه السلام

لا بُدَّ لِلاُمَّةِ مِن إمامٍ يَقومُ بِأَمرِهِم، فَيَأمُرُهُم ويَنهاهُم، ...إذ كانَ الأَمرُ وَالنَّهيُ أحَدَ أسبابِ بَقاءِ الخَلقِ وإلَا سَقَطَتِ الرَّغبَةُ وَالرَّهبَةُ ولَم يُرتَدَع ولَفَسَدَ التَّدبيرُ، وكانَ ذلِكَ سَبَبا لِهَلاكِ العِبادِ في أمرِ البَقاءِ وَالحَياةِ، فِي الطَّعامِ وَالشَّرابِ وَالمَساكِنِ وَالمَلابِسِ وَالمَناكِحِ مِنَ النِّساءِ وَالحَلالِ وَالحَرامِ وَالأَمرِ وَالنَّهيِ

بحار الأنوار : ج۹۳ ص۴۰

अमीरुल मोमेनीन हज़रत इमाम अली अ.स. 
लोगों के लिए एक रहबर और पेशवा का होना ज़रूरी है जो उनके मामलों का एहतेमाम करे और दिशा- निर्देश दे और रोक सके क्योंकि यह काम लोगों की बक़ा और स्थिरता का सबब है। ऐसा न हो तो खौफ और उम्मीद खत्म हो जाएगी और कोई भी गलत काम से नहीं रुकेगा, और तदबीरें बेअसर हो जाएंगी। इससे बंदों की बक़ा और ज़िंदगी हलाकत में पड़ जाएगी, खाना, पानी, रहन सहन लिबास, शादी विवाह , हलाल हराम, अम्र और नहीं सब फ़ना जाएगा। 

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