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गज़्ज़ा पर बम बरसा रही है अरब देशों की दौलत
लेबनान पर अमेरिकी दबाव को "प्रतिरोध को निहत्था करने की साज़िश" बताया और चेताया कि यह हालात 1982 के "सबरा-शतीला नरसंहार" की पुनरावृत्ति होंगे। उन्होंने कहा कि सबरा-शतीला का सबक़ साफ़ है—किसी क़ौम की सुरक्षा उसकी मज़बूत रक्षा क्षमता और प्रतिरोध के हथियारों पर निर्भर है।
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डेली हदीस
मोमिन का ग़ुस्सा और खुशी
.....और जब उसे ताक़त मिलती है तो वह अपने हक़ से ज़्यादा नहीं लेता।
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ईरान की दो टूक, आईएईए के दबाव को नहीं मानेगा तेहरान
अराक़्ची ने हाल ही में हुई एजेंसी की बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में राजनीतिक माहौल हावी होने की आलोचना की और कहा कि ईरान का सहयोग केवल तकनीकी मामलों तक और अंतरराष्ट्रीय नियमों की सीमा के अंदर अंदर है।
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सूडान, मस्जिद पर ड्रोन हमला, 70 से अधिक लोगों की मौत
यह हमला जनरल हमीदती की अगुवाई में रैपिड सपोर्ट फ़ोर्सेज़ (RSF) द्वारा किया गया है। हमले में कम से कम 70 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए।
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मिस्र और इस्राईल में तनाव गहराया, बॉर्डर पर सेना तैनात
अरबी मीडिया ने बताया है कि मिस्र ने सिनाई में रक्षा उपकरणों की तैनाती के साथ-साथ 40 हज़ार सैनिकों को भी तैनात किया है।
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हिज़्बुल्लाह लेबनान सेना के साथ, हमारे हथियार दुश्मन से रक्षा के लिए
इस्राईल पश्चिम और अमेरिका की कठपुतली है और इसे आज़ाद देशों की संप्रभुता भंग करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है; क़तर पर हमले से पहले और बाद के हालात में अब सब कुछ स्पष्ट हो गया है।
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अमेरिका और उसके साथियों ने बातचीत और डिप्लोमेसी के रास्ते बंद किए
इरवानी ने ज़ोर दिया कि इस एकतरफा कदम से न सिर्फ परिषद की साख को नुकसान होगा बल्कि डिप्लोमेसी और परमाणु अप्रसार समझौते (NPT) को भी खतरा होगा।
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ईरान के खिलाफ एकजुट पश्चिमी देश, रूस और चीन का इनकार
यह भी माना जा रहा है कि अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी इस मैकेनिज़्म का इस्तेमाल गज़्ज़ा और पश्चिम एशिया की मौजूदा स्थिति में ईरान की क्षेत्रीय भूमिका को सीमित करने के लिए कर रहे हैं।