पश्चिमी एशिया का इलाक़ा पिछले बीस साल के दौरान जो रूप धारण करता रहा है और जिस दिशा में आगे बढ़ता रहा है वह अमरीका और उसके घटकों की इच्छा और सपने वाले मध्यपूर्व से पूर्णतः भिन्न बल्कि उसके पूर्णतः उलट है। मध्यपूर्व में अमरीका के लिए गुंजाइश कम होती जा रही है, उसके घटक कमज़ोर हो रहे हैं जबकि शक्ति का संतुलन ईरान की केन्द्रीय भूमिका वाले इस्लामी प्रतिरोधक मोर्चे के पक्ष में झुकता जा रहा है। इस नए रुजहान से अमरीका और उसके घटक बेहद परेशान हैं और जन प्रदर्शनों, राजनैतिक, जातीय, सांप्रदायिक हर प्रकार के विवाद में कूद कर उसे बढ़ाने और हालात का रुख अपने पक्ष में बदलेन की कोशिश करते हैं। इस कोशिश की झलक प्रदर्शनों के दौरान पेश आने वाली असामान्य घटनाओं में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।
28 अक्तूबर 2019 - 14:05
समाचार कोड: 984825

इराक़ और लेबनान की हालिया घटनाओं के बारे में यह तो नहीं कहा जा सकता कि क्षेत्र के भीतर और क्षेत्र के बाहर के खिलाड़ियों की गतिविधियों को हम जन प्रदर्शनों के रूप में देख रहे हैं। दरअस्ल इन घटनाओं की दो अलग अलग तहें हैं जो एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं।