सीरिया में घटनाओं के आरम्भ से तकफ़ीरी टोलों नें विदेशी ताक़तों की मदद से ज़ोर पकड़ लिया और अन्तर्राष्ट्रीय ताक़तें इस काम में सफल हो गई हैं कि पूरी दुनिया से टेढ़े अक़ीदे वाले लोगों को इकट्ठा करें और चरमपंथी वहाबियत के ज़हरीले और बेरहमाना अक़ीदों जैसे जन्नत में पैग़म्बर स. के साथी होने के लिये शिया मुसलमानों के नरसंहार जैसे अपराध को उनके अंदर भर दे।
इस तरह के चरमपंथी टेढ़े अक़ीदे वाले लोग कभी कभी इस्लामी देशों, विशेष रूप से उन इलाक़ों में कि जिन में मुसलमानों के बीच आपसी एकता बहुत महत्व रखती है, दिखाई देते थे लेकिन उनकी संख्या ज़्यादा नहीं थी।
आजकल कुछ अरब देशों की आर्थिक मदद और इस्राईल की खुल्लम खुल्ला मदद के सिलसिले में यह चरमपंथी तकफ़ीरों के नाम से ज़ोर पकड़ चुके हैं और खुल कर इस्लाम और शियों के मुक़ाबले पर आ चुके हैं औऱ हथियार उठा लिये हैं। मौजूदा समय में सीरिया और इराक को उदाहरण स्वरूप पेश किया जा सकता है।
16 जून 2014 - 10:22
समाचार कोड: 616493

सीरिया में घटनाओं के आरम्भ से तकफ़ीरी टोलों नें विदेशी ताक़तों की मदद से ज़ोर पकड़ लिया और अन्तर्राष्ट्रीय ताक़तें इस काम में सफल हो गई हैं कि पूरी दुनिया से टेढ़े अक़ीदे वाले लोगों को इकट्ठा करें और चरमपंथी वहाबियत के ज़हरीले और बेरहमाना अक़ीदों जैसे जन्नत में पैग़म्बर स. के साथी होने के लिये शिया मुसलमानों के नरसंहार जैसे अपराध को उनके अंदर भर दे।