:رسول اکرم (ص)
القائِمُ مِن وُلدِي اسمُهُ اسمي و كُنيَتُهُ كُنيَتي و شَمائِلُهُ شَمائِلي و سُنَّتُهُ سُنَّتي، يُقيمُ النّاسَ عَلى مِلَّتي وشَريعَتي و يَدعوهُم إلى كِتابِ رَبّي عَزَّ وجَلَّ
كمال الدين: ص۴۱۱ ح۶
रसूले अकरम स.अ.
"क़ाइम मेरी औलाद में से हैं। उनका नाम मेरा नाम है, उनकी कुन्नीयत मेरी कुन्नीयत है, उनका अखलाक़ मेरा अखलाक़ है, और उनका तरीक़ा मेरा तरीक़ा है। वे लोगों को मेरे दीन और मेरे रास्ते की ओर बुलाएंगे और उन्हें मेरे इज़्ज़तो जलाल वाले अल्लाह और उसकी किताब की ओर दावत देंगे।"
आपकी टिप्पणी