16 नवंबर 2025 - 15:57
जैसा करोगे वैसा पाओगे

नेकी बोए खुशनुदी की फसल काटता है, जो कोई बुराई बोए पशिमानी और शर्मिंदगी ......

:امام صادق عليه‏ السلام

 مَنْ يَزْرَعْ خَيْرا يَحْصِدْ غِبْطَةً وَ مَنْ يَزْرَعْ شَرّا يَحْصِدْ نَدامَةً وَ لِكُلِّ زارِعٍ ما زَرَعَ؛

 [كافى: ج 2 ، ص 458، ح 19]

इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स. 

जो कोई भी नेकी बोए खुशनुदी की फसल काटता है, जो कोई बुराई बोए पशिमानी और शर्मिंदगी उठाता है। इंसान जो बोता है वह काटता है। 

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