ईरान के विदेश मंत्री सय्यद अब्बास अराक़्ची ने कहा है कि ईरान की नीति अमेरिका की दबाववादी रणनीतियों के सामने “मज़बूत प्रतिरोध” और साथ ही अंतरराष्ट्रीय विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए “डिप्लोमैसी का स्वागत” करने की है।
तेहरान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान सय्यद अब्बास अराक़्ची ने कहा कि अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों की नीतियाँ दुनिया को जंगल के कानून की ओर धकेल रही हैं और यह रुझान अंतरराष्ट्रीय अराजकता को बढ़ा सकता है।
उन्होंने जोर दिया कि ईरान दबाव, धमकी या अनुचित मांगों वाली किसी भी तरह की “डिक्टेटेड बातचीत” में शामिल नहीं होगा। सय्यद अब्बास अराक़्ची ने कहा कि यदि युद्ध भी थोप दिया जाए तो ईरान अपने देश की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ईरान हमेशा निष्पक्ष और सम्मानजनक वार्ता के लिए तैयार रहा है, लेकिन किसी असंतुलित या एकतरफा ढांचे को स्वीकार नहीं करेगा।
एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के साथ बातचीत के सवाल पर उन्होंने बताया कि ईरान, रूस और चीन के प्रतिनिधि हाल ही में एजेंसी प्रमुख से मिले हैं और एजेंसी के साथ सहयोग नियमों के अनुसार जारी रहेगा।
अराक़्ची ने कहा कि कई क्षेत्रीय देश तनाव कम करने के प्रयास में मध्यस्थता कर रहे हैं और ईरान उनसे नियमित परामर्श करता है।
विदेश मंत्री का कहना है कि ईरान का रुख साफ है: धमकी और वर्चस्व को, “नहीं, डिप्लोमैसी और संवाद को—हाँ।”
16 नवंबर 2025 - 16:18
समाचार कोड: 1750931
उन्होंने जोर दिया कि ईरान दबाव, धमकी या अनुचित मांगों वाली किसी भी तरह की “डिक्टेटेड बातचीत” में शामिल नहीं होगा। सय्यद अब्बास अराक़्ची ने कहा कि यदि युद्ध भी थोप दिया जाए तो ईरान अपने देश की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है।
आपकी टिप्पणी