5 नवंबर 2025 - 14:51
बुराई का विरोध

लेकिन दिल में उसे नापसंद करे और अल्लाह जान ले कि वह अपने दिल से सच्चा है — तो वह व्यक्ति ऐसा है जैसे उसने उस बुराई का इंकार (विरोध) किया हो। 

:امام علی علیه السلام

.إذا رَأى أحَدُكُمُ المُنكَرَ و لَم يَستَطِعْ أن يُنكِرَهُ بِيَدِهِ و لِسانِهِ و أنكَرَهُ بِقَلبِهِ، و عَلِمَ اللّهُ صِدقَ ذلكَ مِنهُ، فقَد أنكَرَهُ

غرر الحكم : ح۴۱۵۲

इमाम अली अ.स.
तुममें से जो कोई बुराई को देखे और यदि वह हाथ या ज़बान से उसका विरोध न कर सके, लेकिन दिल में उसे नापसंद करे और अल्लाह जान ले कि वह अपने दिल से सच्चा है — तो वह व्यक्ति ऐसा है जैसे उसने उस बुराई का इंकार (विरोध) किया हो। 
 

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