ईरान किई इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार अली अकबर विलायती ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का तथाकथित “पीस प्लान” दरअसल अरब दुनिया के प्राकृतिक संसाधनों पर कब्ज़ा करने की अमेरिकी साज़िश का हिस्सा है।
विलायती ने कहा कि अमेरिका, ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम समझौते की खुलेआम उल्लंघन को नज़रअंदाज़ कर रहा है ताकि अपने आर्थिक और रणनीतिक योजनाओं को आगे बढ़ा सके। उनके अनुसार “ट्रम्प प्लान” का असली उद्देश्य इस्लामी देशों के तेल, गैस और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से अधिकतम लाभ उठाना है।
उन्होंने “शर्म अल-शेख़ सम्मेलन” को उसी योजना की एक कड़ी बताया, जिसका मक़सद क्षेत्र में अमेरिकी हितों का विस्तार और ज़ायोनी अत्याचारों को वैध ठहराना है।
विलायती ने चेतावनी दी कि यह योजना न केवल शांति की राह में रुकावट है, बल्कि अरब देशों की संप्रभुता के लिए सीधा ख़तरा भी है।
विलायती का कहना है कि ट्रम्प की "डील ऑफ द सेंचुरी" कोई अमन प्रस्ताव नहीं, बल्कि क्षेत्रीय देशों की सम्पत्ति और निर्णय-स्वतंत्रता को कमजोर करने का राजनीतिक रूप है।
1 नवंबर 2025 - 11:12
समाचार कोड: 1745126
उन्होंने “शर्म अल-शेख़ सम्मेलन” को उसी योजना की एक कड़ी बताया, जिसका मक़सद क्षेत्र में अमेरिकी हितों का विस्तार और ज़ायोनी अत्याचारों को वैध ठहराना है।
आपकी टिप्पणी