21 अक्तूबर 2025 - 16:16
ग़ज़्ज़ा की अमानवीय नाकेबंदी जारी;  मदद का एक-छठा हिस्सा भी नहीं पहुंचा

10 अक्तूबर को युद्धविराम लागू होने के बाद से सोमवार तक सिर्फ़ 986 ट्रक ग़ज़्ज़ा पट्टी में दाख़िल हुए हैं, जबकि समझौते के तहत रोज़ाना औसतन 600 ट्रक आने चाहिए थे, वास्तविक संख्या केवल 89 ट्रक प्रतिदिन है।

ग़ज़्ज़ा सरकार के मीडिया कार्यालय ने बताया है कि अब तक वादा की गई 6,600 ट्रकों की मानवीय सहायता में से केवल 986 ट्रक ही ग़ज़्ज़ा पहुंचे हैं। यह मात्रा लोगों की बुनियादी ज़रूरतों को भी पूरा नहीं करती।

रिपोर्ट के अनुसार, 10 अक्तूबर को युद्धविराम लागू होने के बाद से सोमवार तक सिर्फ़ 986 ट्रक ग़ज़्ज़ा पट्टी में दाख़िल हुए हैं, जबकि समझौते के तहत रोज़ाना औसतन 600 ट्रक आने चाहिए थे, वास्तविक संख्या केवल 89 ट्रक प्रतिदिन है।

ग़ज़्ज़ा सरकार ने चेतावनी दी कि “यह आँकड़े इस्राईल की उसी घुटनभरी और अमानवीय नीति का हिस्सा हैं, जो ग़ज़्ज़ा पर भूखमरी और मानवीय ब्लैकमेल को जारी रखे हुए है।”

बयान में कहा गया कि यह सीमित मात्रा “लोगों की न्यूनतम मानवीय और जीवन-निर्वाह ज़रूरतों” को भी पूरा नहीं करती। ग़ज़्ज़ा को रोज़ाना कम से कम 600 ट्रक खाद्य सामग्री, दवाइयाँ, ईंधन और रसोई गैस की तत्काल और नियमित आपूर्ति की सख्त आवश्यकता है ताकि “कम से कम सम्मानजनक जीवन” सुनिश्चित हो सके।

यह तब है जब युद्धविराम समझौते के अनुसार, इस्राईल ने ग़ज़्ज़ा में मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति की अनुमति देने का वादा किया था।

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