ज़ायोनी सेना ने सिर्फ 2 साल में ही अकेले गज़्ज़ा में 20000 हजार से अधिक छात्रों की हत्या कर दी। यह चौंकाने वाली रिपोर्ट फ़िलिस्तीनी शिक्षा मंत्रालय ने जारी की है। शिक्षा मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 में शुरू हुए ज़ायोनी सैन्य हमलों के बाद से अब तक 20,058 से अधिक फ़िलिस्तीनी छात्र मारे जा चुके हैं और 31,139 अन्य घायल हुए हैं।
ये आँकड़े उन बच्चों और किशोरों से संबंधित हैं जो स्कूलों, शरणस्थलों और अपने घरों पर सीधे या परोक्ष हमलों का शिकार बने, जिससे फ़िलिस्तीन की मानवीय त्रासदी की गहराई उजागर होती है।
शिक्षा मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि शैक्षणिक ढांचे की तबाही और लगातार जारी युद्ध ने हजारों बच्चों के भविष्य को गंभीर संकट में डाल दिया है। यह स्थिति न केवल फ़िलिस्तीन की शिक्षा प्रणाली को ध्वस्त होने के कगार पर ले आई है, बल्कि आने वाली पीढ़ी पर गहरे सामाजिक और मानसिक प्रभाव भी डाल रही है।
संयुक्त राष्ट्र की राहत एजेंसी (UNRWA) ने गुरुवार को बताया कि ग़ज़्ज़ा में 6.5 लाख से अधिक बच्चे लगातार तीसरे वर्ष भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। एजेंसी ने एक्स पर कहा कि “ग़ज़्ज़ा में करीब 6.6 लाख बच्चों के लिए स्कूल लौटना सिर्फ़ पढ़ाई शुरू करना नहीं है, बल्कि यह उनके गहरे मानसिक आघात से उबरने की शुरुआत है।”
एजेंसी ने आगे कहा कि वह ग़ज़्ज़ा में सबसे बड़ी मानवीय संस्था होने के नाते इन बच्चों की मदद के लिए तैयार है। UNRWA की प्रवक्ता तमारा अल-रिफ़ाई ने ज़ोर दिया कि “हमारी प्राथमिकता बच्चों की शिक्षा को फिर से शुरू करना और उन्हें सीखने की प्रक्रिया में वापस लाना है।”
अक्टूबर 2023 से अब तक ज़ायोनी हमलों में 68,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएँ और बच्चे हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) की रिपोर्ट के अनुसार, ग़ज़्ज़ा के 97% स्कूल भवन आंशिक या पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं, जिससे यह इलाक़ा लगभग रहने योग्य नहीं रह गया है।
आपकी टिप्पणी