9 अक्तूबर 2025 - 15:17
ईरान की अंतरिक्ष मे लंबी छलांग, खास देशों के क्लब में शामिल 

डॉ. सालारिया ने कहा कि 2009 में "उम्मीद" नामक सैटेलाइट के सफल प्रक्षेपण के बाद ईरान को यह भरोसा मिला कि वह खुद के बनाए सैटेलाइट को ऑर्बिट में भेज सकता है।

ईरान ने अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए अब अपने सैटेलाइट खुद बनाने और लॉन्च करने मे सक्षम हो गया है। ईरान ने अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अब वह उन गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है जो सैटेलाइट बनाने से लेकर उसे अंतरिक्ष में भेजने तक का पूरा काम खुद करते हैं।

ईरान के स्पेस एजेंसी प्रमुख डॉ. हसन सालारिया के मुताबिक़, दुनिया के 200 से ज़्यादा देशों में सिर्फ अमेरिका, रूस, चीन, जापान और कुछ यूरोपीय देशों के पास पूरी स्पेस टेक्नोलॉजी है। अब ईरान भी इस ग्रुप में शामिल हो गया है और यह उपलब्धि पूरी तरह अपने इंजीनियरों और स्थानीय तकनीक के दम पर हासिल की है।

उन्होंने बताया कि पहले ईरान के सैटेलाइट सिर्फ 1000 मीटर या उससे कम दूरी की तस्वीरें लेते थे, लेकिन अब यह क्षमता बढ़ चुकी है। यह प्रोजेक्ट ईरान के सरकारी संस्थानों, यूनिवर्सिटियों और रिसर्च सेंटर्स ने मिलकर पूरा किया है।

डॉ. सालारिया ने कहा कि 2009 में "उम्मीद" नामक सैटेलाइट के सफल प्रक्षेपण के बाद ईरान को यह भरोसा मिला कि वह खुद के बनाए सैटेलाइट को ऑर्बिट में भेज सकता है।

अब ईरान "शहीद सुलैमानी कन्स्टेलेशन प्रोजेक्ट" के तहत कई सैटेलाइट एक साथ बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसकी तुलना अमेरिकी "Starlink" से करते हैं, लेकिन यह याद रखना चाहिए कि ईरान अभी रिसर्च से इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के शुरुआती चरण में है।

यह सफलता दिखाती है कि ईरान ने पश्चिमी देशों के वर्चस्व को तोड़कर विज्ञान और तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम उठा लिया है।

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