30 सितंबर 2025 - 18:06
नेतन्याहू का माफी मांगना ज़ायोनी लॉबी को पसंद नहीं आया, तनाव गहराया 

इस्राईल के अंदर यह कदम पसंद नहीं किया गया और जल्दी ही दाएँ और बाएँ दोनों धड़ों के बीच सख़्त राजनीतिक तनातनी का कारण बन गया।

ज़ायोनी अख़बार यदिऊत अहरोनोत की रिपोर्ट के मुताबिक़, ज़ायोनी अधिकारियों ने क़तर से माफी मांगने की नेतन्याहू की इस हरकत की कड़ी आलोचना की और इसे "बेहद शर्मनाक और अपमानजनक" बताया। केवल कुछ गिने-चुने नेताओं ने इसका समर्थन किया और कहा कि गज़्ज़ा  में क़ैद ज़ायोनी बंदियों की वापसी के लिए यह एक "कठिन लेकिन ज़रूरी कदम" है।

नेतन्याहू ने व्हाइट हाउस से अमेरिकी राष्ट्रपति की मौजूदगी और उनके आदेश पर क़तर को फ़ोन करके औपचारिक माफ़ी मांगी।

कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, ट्रम्प ने नेतन्याहू से कहा था कि क़तर की संप्रभुता का उल्लंघन करने पर वह साफ़ तौर पर माफ़ी मांगे, ताकि इस्राईल और क़तर के रिश्ते बेहतर हो सकें और युद्धविराम व क़ैदियों की अदला-बदली पर बातचीत आगे बढ़ सके।

बाद में व्हाइट हाउस ने दावा किया कि ट्रम्प, नेतन्याहू और क़तर के अमीर के बीच हुई बातचीत सकारात्मक रही और अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी इस्राईल-क़तर रिश्तों को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई।

हालाँकि, इस्राईल के अंदर यह कदम पसंद नहीं किया गया और जल्दी ही दाएँ और बाएँ दोनों धड़ों के बीच सख़्त राजनीतिक तनातनी का कारण बन गया।

सबसे ज़्यादा नाराज़गी वित्त मंत्री बेत्सलएल स्मोतरीच ने जताई, जिन्होंने इसे "अपमानजनक और शर्मनाक" करार दिया। वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बिन गवीर ने क़तर पर हमले का समर्थन करते हुए कहा कि "7 अक्तूबर के हमले के ज़िम्मेदारों पर क़तर जैसे देश में हमला करना बहुत अहम, जायज़ और नैतिक था।"

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