29 सितंबर 2025 - 17:22
ईरान को न्याय और तर्कसंगत वार्ता के अलावा कुछ स्वीकार नहीं

कुरान की शिक्षाओं के अनुसार, वादा तोड़ने वाली और अत्याचारी शक्तियाँ तब तक संतुष्ट नहीं होंगी जब तक हम उनके सामने घुटने नहीं टेक देते। हम किसी भी हाल में घुटने नहीं टेकेंगे।

ईरानी राष्ट्रपति डॉ. मसऊद पिज़िश्कियान ने कैबिनेट की बैठक में न्यूयॉर्क के अपने हालिया दौरे और वैश्विक नेताओं के साथ मुलाकातों पर चर्चा करते हुए कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने परमाणु मुद्दे पर ईरान की न्यायसंगत समाधान की कोशिशों के जवाब में अतार्किक और धमकी भरा रवैया अपनाया है।

उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान की शिक्षाओं के अनुसार, वादा तोड़ने वाली और अत्याचारी शक्तियाँ तब तक संतुष्ट नहीं होंगी जब तक हम उनके सामने घुटने नहीं टेक देते। हम किसी भी हाल में घुटने नहीं टेकेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने हर संभव स्थिति से निपटने की योजना बना रखी है, और जनता के जीवन और रोजगार को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा है।

राष्ट्रपति डॉ. मसऊद पिज़िश्कियान ने अमेरिका द्वारा ईरान के निर्यात में बाधा डालने की कोशिशों को विफल बताते हुए कहा कि दुनिया के कई देश प्राकृतिक संसाधनों के बिना भी विकास कर रहे हैं। ईरान भी अपने विशेषज्ञों और जनता की एकता के सहारे तेल पर निर्भरता कम करके विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि ईरानी राष्ट्र कभी भी अत्याचारियों के सामने घुटने नहीं टेकेगा। हम सम्मान, संप्रभुता और लोकशक्ति के साथ आगे बढ़ेंगे, जैसा कि अतीत में भी संकटों से उबरकर विकास का मार्ग अपनाया है।

राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि हर तरह के प्रतिबंध और दबाव ईरान के लिए अस्वीकार्य हैं। हम हमेशा पारदर्शी और न्यायसंगत वार्ताओं के लिए तैयार हैं, लेकिन यदि विरोधी पक्ष कुछ महीनों की रियायत के बदले हमारे सारे संसाधन छीनना चाहे और बाद में और माँगें करे, तो यह रवैया कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।

उन्होंने सर्वोच्च नेता के उस स्पष्ट फतवे का हवाला दिया जिसमें परमाणु हथियारों को हराम घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार हासिल करने की कोशिश नहीं करेगा, और यह रुख केवल सरकारी बयानों पर नहीं बल्कि धार्मिक आधार पर टिका है। ईरान हमेशा तार्किक, न्यायसंगत और स्पष्ट सिद्धांतों पर आधारित वार्ताओं के लिए तैयार है, लेकिन ऐसी वार्ताएँ जो देश को नई मुश्किलों में डालें, कतई स्वीकार नहीं की जाएँगी।

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