29 सितंबर 2025 - 16:43
ईरान का मिसाईल प्रोग्राम नहीं रुकेगा, हाइब्रिड युद्ध में भी हारेगा दुश्मन

शिकारची ने स्पष्ट किया कि अगर ईरानी क़ौम एकजुट रहे और सुप्रीम लीडर की हिदायतों पर अमल करे तो दुश्मन कभी कामयाब नहीं हो सकता।

ईरान की सशस्त्र सेनाओं के वरिष्ठ प्रवक्ता कमांडर अबुलफ़ज़ल शिकारची ने कहा है कि ईरान का मिसाइल प्रोग्राम कभी रुका नहीं, बल्कि आज भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस्लामी क्रांति की शुरुआत से ही वैश्विक ताक़तें दुश्मनी पर आमादा थीं और उसी के तहत सद्दाम को ईरान पर हमले के लिए भड़काया गया था। लेकिन आठ साल के "दिफ़ा ए मुक़द्दस" के बाद न सिर्फ़ यह साज़िश नाकाम हुई बल्कि ईरान ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की।

शिकारची ने हालिया 12 दिन की जंग का ज़िक्र करते हुए कहा कि ईरानी सेना की तेज़ कार्रवाइयाँ और दुश्मन पर सीधे हमले सैन्य इतिहास में बेमिसाल हैं। दूसरे ही दिन से दुश्मन के अहम ठिकाने ईरानी मिसाइलों की रेंज में आ गए और उनका रक्षा तंत्र इन हमलों का सामना नहीं कर सका। हर ईरानी मिसाइल को रोकने में दुश्मन को 1 से 12 मिलियन डॉलर तक का ख़र्च उठाना पड़ा।

उन्होंने चेतावनी दी कि अब दुश्मन पारंपरिक युद्ध से ज़्यादा मनोवैज्ञानिक और हाइब्रिड युद्ध पर ध्यान दे रहा है, जिसमें आर्थिक घेराबंदी, सांस्कृतिक दख़ल और युवाओं के विश्वास बदलने जैसी साज़िशें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वास्तविक ख़तरा जनता के विचारों और विश्वास को तोड़ने से है, न कि F-35 और B-2 जैसे आधुनिक हथियारों से।

कमांडर शिकारची ने स्पष्ट किया कि अगर ईरानी क़ौम एकजुट रहे और सुप्रीम लीडर की हिदायतों पर अमल करे तो दुश्मन कभी कामयाब नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु और मिसाइल प्रोग्राम देश की ज़रूरत है और हज़ारों शहीदों की कुर्बानियों का नतीजा है, इसलिए इससे कभी पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने लीबिया की मिसाल देते हुए कहा कि हथियार छोड़ने और पीछे हटने का नतीजा सिर्फ़ तबाही है, जबकि ईरान का रास्ता प्रतिरोध और ख़ुदा पर भरोसे का है — और यही अब तक उसकी कामयाबी की गारंटी रहा है।

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