भारत में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ते हुए अत्याचारों का उल्लेख करते हुए ह्यूमन राइट्स वॉच ने आरोप लगाया है कि हाल के हफ़्तों में, भारतीय अधिकारियों ने सैकड़ों बंगाली मुसलमानों को, बिना किसी क़ानूनी प्रक्रिया के जबरन बांग्लादेश वापस भेज दिया है। इनमें से ज़्यादातर भारत के सीमावर्ती राज्यों से हैं और मज़दूर वर्ग से संबंधित हैं।
ह्यूमन राइट्स वॉच की एशिया निदेशक, एलेन पीटरसन के मुताबिक, बीजेपी सरकार मुसलमानों को अवैध प्रवासी घोषित करके उनके साथ भेदभाव कर रही है, जबकि उनमें से ज़्यादातर भारतीय नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि निर्वासन प्रक्रिया न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन करती है, बल्कि इंटरनेशनल कानूनों का भी उल्लंघन करती है।
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