अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा। आयोग ने भारत की जासूसी एजेंसी रॉ पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की। अमेरिकी आयोग ने सिख अलगाववादियों के खिलाफ हत्या की साजिश में खुफिया एजेंसी के शामिल होने का कथित आरोप भी लगाया।
आयोग ने भारत को 'विशेष चिंता वाला देश घोषित' करने की सिफारिश भी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन से निपटने की खातिर अमेरिका ने भारत से घनिष्ठ संबंधों को बनाने की कोशिश की। इस वजह से भारत में मानवाधिकार के मामलों को नजरअंदाज किया गया।
आयोग की सिफारिशों के बाद अब सबकी नजरें ट्रम्प प्रशासन के फैसले पर टिकीं हैं। दरअसल, आयोग का आदेश मानना सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है। अब देखना यह होगा कि ट्रम्प इसे मानते है या नहीं।
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