9 मई 2024 - 08:56
इंसान का अख़लाक़ क़ुरआनी हो

पैग़म्बरे इस्लाम के अख़लाक़ व आदत के बारे में बयान करते हुए कहा “उनका अख़लाक़ क़ुरआन था। यानी पैग़म्बर साक्षात क़ुरआन थे।

हमे क़ुरआन वाला होना चाहिए, क़ुरआन की तिलावत एक माध्यम है, लक्ष्य नहीं। लक्ष्य, अपने वजूद में क़ुरआन के अख़लाक़ को उतारना है। पैग़म्बरे इस्लाम (सल्लललाहो अलैहि व आलेही वसल्लम) की सम्मानित बीवियों में एक ने रिवायत की है कि उन्होंने पैग़म्बरे इस्लाम के अख़लाक़ व आदत के बारे में बयान करते हुए कहा “उनका अख़लाक़ क़ुरआन था। यानी पैग़म्बर साक्षात क़ुरआन थे।

 हमारा अख़लाक़, हमारा चरित्र, हमारी व्यक्तिगत आदतें और तौर तरीक़े क़ुरआन के मुताबिक़ होने चाहिए, यह ज़रूरी है। तिलावत इस सिलसिले में सिर्फ माध्यम है। सिर्फ़ यह भी काफ़ी नहीं है। क़ुरआन के मुताबिक़ व्यक्तिगत आदतें और तौर तरीक़े सवांरने के अलावा हमारा समाज और हमारी ज़िन्दगी का माहौल भी क़ुरआनी होना चाहिए।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई