5 अप्रैल 2024 - 23:54
छब्बीसवीं रमज़ान की दुआ

मेरे अमल को क़ुबूल कर ले और मेरी कमियों को छिपा दे, ऐ सबसे ज़्यादा सुनने वाले।


اَللّهُمَّ اجْعَلْ سَعْیی فِیهِ مَشْکورا وَ ذَنْبِی فِیهِ مَغْفُورا وَ عَمَلِی فِیهِ مَقْبُولا وَ عَیبِی فِیهِ مَسْتُورا یا أَسْمَعَ السَّامِعِینَ

ख़ुदाया आज के दिन मेरी कोशिश को पसंदीदा क़रार दे और मेरे गुनाह को माफ़ कर दे मेरे अमल को क़ुबूल कर ले और मेरी कमियों को छिपा दे, ऐ सबसे ज़्यादा सुनने वाले।