उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे मजदूरों को रेस्क्यू करने में अभी समय लग सकता है। सुरंग निर्माण विशेषज्ञ के मुताबिक, सुरंग के ढहने के बाद दो दिन मलबा हटाने की गलती के चलते रेस्क्यू का समय बढ़ गया है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने में अभी पांच दिन से एक सप्ताह का समय और लग सकता है।
वहीं, सुरंग के भीतर और ऊपर से रास्ता (ड्रिफ्ट) बनाना रेस्क्यू के लिए सबसे कारगर तरीके हैं। कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन, नवी मुंबई के सेवानिवृत अधिशासी निदेशक, परियोजना और टनलिंग इंजीनियर विनोद कुमार सिलक्यारा टनल रेस्क्यू अभियान पर लगातार नजर बनाए हैं। उन्होंने बताया कि उनको सुरंग की खोदाई और रेस्क्यू अभियान का करीब 51 साल का अनुभव है।
उन्होंंने कहा कि अब दो ही सबसे कारगर तरीके हैं। पहला करीब 22 मीटर पाइप के भीतर नवयुगा के मजदूर को भेजा जाए। वह भीतर जाकर मैन्युअल रास्ता बनाएं। इसके अलावा ऊपर रास्ता बनाने की प्रकिया भी ठीक है।