बहरैन के सबसे बड़े विपक्षी दल अलवेफ़ाक़ ने नियुक्त प्रधानमंत्री और मंत्रीमंडल का विरोध किया है।
फ़ार्स न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट अनुसार अलवेफ़ाक के महासचिव शैख़ अली सलमान ने बल दिया कि इस बात की अनदेखी करते हुए कि वर्तमान प्रधानमंत्री ख़लीफ़ा बिन सलमान एक बार फिर प्रधानमंत्री बनें या किसी दूसरे व्यक्ति को यह पद सौंपा जाए, अलवेफ़ाक पार्टी प्रत्येक दशा में नियुक्त प्रधानमंत्री और मंत्रीमंडल का विरोध करती है।
उन्होंने ख़लीफ़ा बिन सलमान के नये मंत्रीमंडल के विरोध की घोषणा करते हुए कहा कि यह विषय, बहरैन सरकार की बड़ी कमज़ोरी और कमी को दर्शाती है कि देश के प्रधानमंत्री पिछले 43 वर्षों से अधिक समय से सत्ता पर विराजमान हैं।
शैख़ सलमान ने बहरैन में संसदीय चुनाव के आयोजन के संबंध में आले ख़लीफ़ा शासन के प्रयासों की ओर संकेत करते हुए कहा कि प्रशासन देश की स्थिति को शांत दिखाने की चेष्टा में है, इसीलिए देश के विभिन्न धड़ों और लोगों की ज़िम्मेदारी है कि वे वास्तविकता को स्पष्ट करें और इस बात को दिखाएं कि बहरैन में व्यापक राजनैतिक संकट व्याप्त है और इस चुनाव से देश के संकट का समाधान नहीं हो सकता।
ज्ञात रहे कि बहरैन नरेश हमद बिन ईसा आले ख़लीफ़ा ने पिछले तीस जून को जनता से अपील की थी कि चालीस सदस्यीय संसद के लिए नवंबर वर्ष 2014 में होने वाले चुनावों में भाग लें।
यह ऐसी स्थिति में है कि बहरैन के विपक्षी दलों का कहना है कि जब तक चुनाव जनता के इरादों का प्रतिबिंबन न करें और स्वाधीन न्यायिक तंत्र का गठन न हो, उसमें भाग नहीं लिया जाएगा।
6 जुलाई 2014 - 17:21
समाचार कोड: 621882

बहरैन के सबसे बड़े विपक्षी दल अलवेफ़ाक़ ने नियुक्त प्रधानमंत्री और मंत्रीमंडल का विरोध किया है।