अहलेबैत (अ) समाचार एजेंसी अबनाः इराक के सुरक्षा बलों ने सैयद महमूद हसनी सरख़ी को सैफसाद क्षेत्र में अपने कार्यालय से फरार करते हुए गिरफ़्तार कर लिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार इराक के सुरक्षा बलों ने कल करबला के गवर्नर अकील तुरैही के साथ सरख़ी के घर छापा मारा था जबकि वह इससे पहले ही घर से कार्यालय की ओर भाग गए थे।
सरख़ी खुद को इराक का मरजए तक़लीद समझते हैं उन्होंने कई सालों से गुप्त रूप से गतिविधियां अंजाम देने के बाद मंगलवार की रात कर्बला पर हमला कर कर्बला को अपने अधिकार में लेने की नाकाम कोशिश की लेकिन कर्बला के सुरक्षाबलों ने हमलावरों के साथ मुकाबला कर 14 हमलावरों को मार डाला और दर्जनों को गिरफ्तार कर लिया।
ग़ौरतलब है कि महमूद का दावा है कि इमाम महदी अ. से उसके सम्पर्क हैं। अस्सर्ख़ी सद्दाम को फांसी दिए जाने और बअस पार्टी के भंग किए जाने के बाद भूमिगत हो गये थे और अब वह फिर से सामने आ गये हैं।
इराक के मराजअ कराम से उनके संबंध अच्छे नहीं है और 2002 में उन्होंने खुद को मुज्तहिद घोषित किया था और इस समय उनके हज़ारों समर्थक इराक़ी सेना व सुरक्षा बलों से लड़ रहे हैं। महमूद हसनी अस्सर्ख़ी 1964 में काज़मैन में पैदा हुए। अस्सर्ख़ी ने 1987 में बग़दाद इंजीनियरिंग कालेज से पढ़ाई पूरी की और 1994 में धार्मिक शिक्षा के लिए मदरसे में दाख़िला लिया।
2005 में महमूद अस्सर्ख़ी अचानक हिल्ला शहर में सामने आये और थोड़े ही समय में उन्होंने इराक़ के कई शहरों में अपने कार्यालय खोल लिए और फिर खुद को मरजा घोषित करते हुए अतिग्रहणकारी अमरीकी सेना के ख़िलाफ़ ऐक्शन लिया। उनके समर्थकों ने कुछ दिनों के बाद कर्बला में कई अमरीकी सैनिकों पर हमला किया और तीन अमरीकी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया।
इसके बाद सर्ख़ी ने हज़रत इमाम महदी से मुलाक़ात का दावा किया कि जिस पर उल्मा व मराजे की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई। इसके बाद अस्सर्ख़ी के अतीत की समीक्षा की गई तो यह बात सामने आई कि वह बअस पार्टी के सुरक्षा तंत्र के सदस्य थे। कुछ समय बाद अमरीकी सेना ने उन्हें पकड़ने का आदेश जारी किया तो वह तुरंत भूमिगत हो गये। उस समय उसके लेबनान फ़रार हो जाने के समाचार मिले थे।
3 जुलाई 2014 - 17:17
समाचार कोड: 621177

इराक के सुरक्षा बलों ने सैयद महमूद हसनी सरख़ी को सैफसाद क्षेत्र में अपने कार्यालय से फरार करते हुए गिरफ़्तार कर लिया है।