फ़िलिस्तीनी सूचना केंद्र के अनुसार हमास ने अपने बयान में कहा कि सीएनएन की वह रिपोर्ट, जिसमें इस्राईली सेना द्वारा मानवीय सहायता लेने की कोशिश कर रहे शहीद फ़िलिस्तीनियों के शवों का अपमान, उनके शवों को खुले आसमान के नीचे फेंक देना, और उन्हें निकालने से रोकने जैसी घटनाओं का उल्लेख है, यह सब ज़ायोनी शासन द्वारा फ़िलिस्तीनी जनता के खिलाफ संगठित जनसंहार के एक और ठोस पहलू को उजागर करता है। यह भी दिखाता है कि मानवीय सहायता को जानबूझकर सामूहिक मौत के जाल में बदल दिया गया है।
हमास ने आगे कहा कि इस्राईली सेना की ये कार्रवाइयाँ कोई मामूली घटनाएँ नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और मानवाधिकारों की बुनियादी सिद्धांतों की पूरी अनदेखी करते हुए दुनिया की आँखों के सामने किए गए संगठित युद्ध अपराध हैं। यह सब अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों की मिलीभगत के साये में हो रहा है, जो इस जनसंहार पर पर्दा डालने और इस्राईली अपराधियों, ख़ासकर नेतन्याहू, पर अंतरराष्ट्रीय कानूनी कार्रवाई को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
हमास ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय और सभी संबंधित वैश्विक न्यायिक संस्थाओं से मांग करते हैं कि इस भयानक अपराध की जाँच करें और इसे उन दस्तावेजों और रिपोर्टों में शामिल करें जो इस्राईली शासन और सेना के अपराधों का रिकॉर्ड तैयार करते हैं, ताकि अंततः ज़ायोनी शासन के नेताओं को ग़ज़्ज़ा में किए गए अपराधों पर जवाबदेह ठहराया जा सके और उन पर मुक़दमा चलाया जा सके।
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