:امام صادق عليه السلام
إنَّ لَنا حَرَماً و هُوَ بَلَدَةُ قُمَّ و سَتُدفَنُ فيهَا امْرَأةٌ مِن أولادِي تُسَمّي فاطِمَةَ، فَمَن زارَها وَجَبَت لَهُ الجَنَّةُ؛
[بحار الأنوار ، ج 60 ، ص 216]
इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स.
हमारा एक हरम और वह "क़ुम" है।
जल्दी ही मेरी औलाद में से एक शख्सियत, जिसका नाम फातिमा होगा, वहीं दफन की जाएगी।
जो कोई भी उनकी ज़ियारत करेगा, उस पर जन्नत वाजिब होगी।
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