5 अक्तूबर 2025 - 14:18
काहिरा समझौता काफी नहीं, उठेंगे नए क़दम 

“काहिरा समझौता अब हमारे सहयोग का आधार नहीं रह सकता। स्नैपबैक ने हालात बदल दिए हैं, इसलिए हमने एजेंसी के साथ नए ढाँचे पर समझौता किया है।”

ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ तकनीकी सहयोग पर एक नया समझौता किया है। विदेश मंत्री सय्यद अब्बास अराक़्ची ने कहा कि यह कदम मौजूदा सुरक्षा खतरों और परमाणु स्थलों पर हमलों की वजह से ज़रूरी था, क्योंकि पुराना सहयोग ढांचा अब कारगर नहीं रहा।

तेहरान में विदेशी राजनयिकों से मुलाक़ात के बाद अराक़्ची ने कहा कि “सभी देशों को यह समझना चाहिए कि पश्चिमी देशों ने क्या स्थिति पैदा की और ईरान ने किस तरह न्यायसंगत और संतुलित समाधान के लिए कोशिश की। लेकिन पश्चिम ने अपनी अनुचित माँगों के कारण बातचीत को विफल कर दिया।”

अराक़्ची ने न्यूयॉर्क वार्ता का ज़िक्र करते हुए कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का हल केवल कूटनीतिक तरीक़े से ही संभव है। सैन्य धमकियाँ और स्नैपबैक जैसी नीतियाँ कभी समाधान नहीं हो सकतीं। यूरोप के तीनों देशों ने सोचा था कि स्नैपबैक से दबाव बना लेंगे, लेकिन नतीजा उनके खिलाफ़ गया।

उन्होंने कहा कि तीन यूरोपीय देशों की भूमिका अब कमजोर हो गई है और वह भविष्य की वार्ताओं में कम प्रभावशाली रहेंगे। अराक़्ची ने यह भी स्पष्ट किया कि “वार्ता केवल परमाणु कार्यक्रम तक सीमित रही है, कोई अन्य मुद्दा एजेंडे में नहीं था। अगर ईमानदारी से बातचीत की जाए तो समझौता अभी भी संभव है।”

अराक़्ची ने कहा कि “काहिरा समझौता अब हमारे सहयोग का आधार नहीं रह सकता। स्नैपबैक ने हालात बदल दिए हैं, इसलिए हमने एजेंसी के साथ नए ढाँचे पर समझौता किया है।”

उन्होंने कहा कि ईरान अपने अधिकारों से पीछे नहीं हटेगा और अब भी संवाद के लिए तैयार है, लेकिन मौजूदा हालात में वार्ता का स्वरूप पहले जैसा नहीं रहेगा।

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