ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई ने एक बार फिर फिलिस्तीन के दर्द को दुनिया के सामने रखते हुए कहा कि फिलिस्तीन की जनता पिछले 7 दशक से अधिक समय से ज़ायोनी लॉबी के अत्याचारों का सामना कर रही है।
आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनेई ने गज़्ज़ा पट्टी में चल रहे जनसंहार और मानवाधिकार संकट को लेकरज़ायोनी शासन को कड़ी चेतावनी दी । उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस्राईल गज़्ज़ा में सहायता वितरित कर रहा है, वह वास्तव में एक नया और "सस्ता नरसंहार" है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा कि " इस्राईल ने गज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के सामने एक भयानक विकल्प रखा है, या तो वे भूख से मरें, या खाने के पैकेट के लिए कतार में खड़े होकर गोली खाएं। यह पश्चिमी रणनीति के तहत रचा गया नरसंहार का एक सस्ता रूप है।
उन्होंने कहा कि पहले फ़िलिस्तीनी महंगे बमों के नीचे मारे जाते थे, लेकिन अब उन्हें चंद डॉलर की गोलियों से मारा जा रहा है। यह वैश्विक मानवाधिकार मूल्यों, मानव जमीर तथा उसके विवेक की बेशर्मी से हत्या है।
आपकी टिप्पणी