ब्राज़ील के रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स का 17वां शिखर सम्मेलन जिसमें 11 देशों ने शिरकत की। जब ये देश ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए मुख्य एजेंडे पर विचार विमर्श कर रहे थे, तभी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस संगठन को लेकर ना केवल नाराजगी जाहिर की बल्कि ब्रिक्स से जुड़े देशों पर टैरिफ की तगड़ी चाबुक चलाने की धमकी दे दी जिस पर अलग अलग प्रतिक्रियाएं हो रही हैं।
ब्रिक्स देशों और खासकर ब्राजील के राष्ट्रपति ने ट्रम्प की बेहूदा बयानबाजी और उसकी इस धमकी का जवाब देते हुए कहा कि दुनिया बदल चुकी है और दुनिया को अब किसी सम्राट की जरूरत नहीं है, साथ ही ब्रिक्स किसी देश के खिलाफ भी नहीं है।
बता दें कि अमेरिका ब्रिक्स को एक ऐसा मंच मानता है जो अमेरिकी नेतृत्व वाली वर्ल्ड ऑर्डर को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है। खासतौर पर जब ब्रिक्स ने अपने स्वतंत्र करेंसी सिस्टम, न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) और डॉलर पर निर्भरता कम करने की योजनाएं बनानी शुरू कीं, तबसे अमेरिका की नाराज़गी और बढ़ गई है।
ट्रम्प का मानना है कि अगर ब्रिक्स डॉलर की बजाय अपनी करेंसी में ट्रेड शुरू कर देता है, तो इससे डॉलर की वैश्विक हैसियत कमजोर होगी। अमेरिका की आर्थिक और रणनीतिक पकड़ ढीली पड़ सकती है।
आपकी टिप्पणी