قال الامام الجواد عليه السلام:
مَنِ استَحسَنَ قَبيحا كانَ شَريكا فيهِ .
کشف الغمہ، 139/ 3
इमाम मोहम्मद तक़ी अ.स.
जो बुरे काम को अच्छा समझे तो ऐसा है जैसे वह उस काम मे शरीक है।
,,....... तो ऐसा है जैसे वह उस काम मे शरीक है।
قال الامام الجواد عليه السلام:
مَنِ استَحسَنَ قَبيحا كانَ شَريكا فيهِ .
کشف الغمہ، 139/ 3
इमाम मोहम्मद तक़ी अ.स.
जो बुरे काम को अच्छा समझे तो ऐसा है जैसे वह उस काम मे शरीक है।
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