26 अप्रैल 2025 - 17:48
दूसरों के गुनाहों का भागीदार 

,,....... तो ऐसा है जैसे वह उस काम मे शरीक है। 

قال الامام الجواد عليه السلام:

مَنِ استَحسَنَ قَبيحا كانَ شَريكا فيهِ .

کشف الغمہ، 139/ 3

इमाम मोहम्मद तक़ी अ.स. 

जो बुरे काम को अच्छा समझे तो ऐसा है जैसे वह उस काम मे शरीक है। 

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