ईरान और अमेरिका के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है और इस बात ने ज़ायोनी लॉबी को चिंता मे डाल दिया है। ओमान और रोम में ईरान और अमेरिका के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता के दो दौर सफलतापूर्वक पूरे होने के बाद, जायों हल्कों में चिंता की लहर दौड़ गई है।
ज़ायोनी समाचार पत्र जेरूसलम पोस्ट ने जानकार सूत्रों के हवाले से खुलासा किया है कि इस्राईल के राजनैतिक और रक्षा क्षेत्र मे ईरान और अमेरिका के बीच चल रही वार्ता में प्रगति से हैरानी है।
रिपोर्ट के अनुसार, ज़ायोनी लॉबी ईरान के संबंध में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की स्थिति में आए महत्वपूर्ण बदलाव को लेकर विशेष रूप से चिंतित हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प, जिन्होंने 2024 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग की थी, 2025 में एक अलग रणनीति अपनाते दिख रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, ज़ायोनी अधिकारियों का कहना है कि यह समझौता बहुत अधूरा हो सकता है और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के लिए अतीत में उठाए गए कदमों पर असर डाल सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के दिनों में ज़ायोनी सरकार ने ईरान और अमेरिका के बीच किसी भी संभावित समझौते को विफल करने की भरपूर कोशिश की है।
इस संबंध में इस्राईल के सामरिक मामलों के मंत्री और मोसाद के प्रमुख सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल पेरिस भेजा गया। जिसका मक़सद मध्य पूर्व के लिए ट्रम्प के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और ईरान के साथ वार्ता के लिए नियुक्त अमेरिका के वरिष्ठ प्रतिनिधि से मिलना था।
ज़ायोनी प्रतिनिधिमंडल ने ईरान और अमेरिका के बीच चल रही वार्ता की दिशा बदलने की कोशिश की, लेकिन यह प्रयास सफल होते नहीं दिख रहे हैं।
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