उत्तराखंड में पिछले कुछ सालों से मदरसों को कथित तौर पर अवैध बता कर प्रशासन द्वारा सील किए जाने का ट्रेंड चल रहा था, इसी बीच अब उत्तराखंड प्रशासन ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देकर मदरसों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.। वहीं, प्राशसन की इस कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा हिंद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर मंगलवार 25 मार्च को सुनवाई हो सकती है। बता दें, कि NCPCR ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि कई मदरसों में बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है, यानी मदरसों में बच्चों को उच्चित शिक्षा नहीं दी जा रही है।
NCPCR की इस रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड प्रशासन मदरसों की जांच और गहनता से और कई ऐंगल से कर रही है। वहीं, जमीयत का मानना है कि यह सब मदरसों को बंद करने का बहाना है, इसलिए जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट-खटाया है।
बता दें कि NCPCR ने अपनी रिपोर्ट जारी करने के साथ केन्द्र और राज्यों को निर्देश दिया था कि कथित रूप से शिक्षा का अधिकार ऐक्ट के खिलाफ काम करने वाले तमाम मदरसों को सील कर दिया जाए।
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