साम्राज्यवाद और अत्याचार के विरुद्ध प्रतिरोधी आंदोलन की सबसे प्रखर और बुलंद आवाज़ शहीद हसन नसरुल्लाह की लेबनान में अंतिम यात्रा के साथ ही दुनियाभर के अलग अलग हिस्सों में उनकी यद् में शोक समारोह और सांकेतिक अंतरिम यात्रा का आयोजन किया गया। इसी क्रम में इराक के पवित्र नगर कर्बला और नजफ़े अशरफ समेत दर्जनों शहरों में बड़े पैमाने पर शोक सभाएं और सांकेतिक अंतिम यात्राएं निकाल कर अपने हीरो को श्रद्धांजलि दी गयी।
इराकी लोगों ने दुख, शोक और विलाप के साथ अपने हीरो को अंतिम विदाई दी। शहीद के सांकेतिक ताबूत को लेबनानी झंडे में लपेटा गया था और प्रतीकात्मक रूप से सय्यद हसन नसरल्लाह के अमामे को ताबूत पर रखा गया था साथ ही उनकी तस्वीरें भी ताबूत पर लगाई गयी थी।
इराकी जनता और अलग अलग क़बीलों की तरफ से आयोजित इन शोक सभाओं और रैलियों में जहाँ इराकी जनता ने प्रतिरोध के समर्थन का प्रण लिया वहीँ संयुक्त राज्य अमेरिका और ज़ायोनी शासन के खिलाफ गगनभेदी नारे लगाए गए।
