-
डेली हदीस
दूसरों की सेवा करने का सवाब
जो कोई भी ऐसा करे.... अल्लाह उसे हज़रत इब्राहीम खलील के साथ महशूर करेगा
-
डेली हदीस
नेमतें क्यों छिन जाती हैं?
नेमतों का शुक्र अदा करके उनसे फायदा उठाओ और अल्लाह की इबादत और हुक्म मानकर उन्हें संभालकर रखो।
-
-
डेली हदीस
कर्ज अदा करने मे देरी करना
"किसी समर्थ (अमीर) मुसलमान द्वारा क़र्ज़ की अदायगी में देरी करना अपने मुसलमान भाई पर ज़ुल्म है।
-
-
क़ुरआनी चर्चा
सलवात की हक़ीक़त क्या है ?
इस आयत के आदेश “سلّموا تسليماً” के अनुसार, उनके हुक्म के सामने पूरी तरह सर झुका दो, और बिना किसी सवाल या विरोध के उनकी राह पर चलने के लिए तैयार रहो।
-
डेली हदीस
ज़ुल्म और अत्याचार
तो यह मुझे ज़्यादा पसंद है, बजाय इसके कि क़यामत के दिन मैं अल्लाह और उसके रसूल से इस हाल में मिलूँ कि मैंने उसके किसी बंदे पर ज़ुल्म किया हो...
-
डेली हदीस
इमाम सज्जाद और शुक्रे खुदा
हमें ज़िंदा अहसास के साथ जीवन का लुत्फ दिया, हमारे अंदर काम करने वाले अंगों को मज़बूत किया, हमें पाक और हलाल रोज़ी से ग़िज़ा दी, अपने एहसान से हमें बे-नियाज़ किया और अपनी नेमतों से हमें दौलत से नवाज़ा।
-
डेली हदीस
दुआ का सलीक़ा
मेरी बीमारी को पूरी तंदुरुस्ती में बदल दे, मेरी तंगहाली को खुशहाली और राहत में बदल, मेरे शरीर को सदा स्वस्थ रख
-
डेली हदीस
मोमिन के साथ खुश अखलाक़ी से मिलना
खुशरुई से मिलना जन्नत को खुश अखलाक़ी से मिलने वाले पर वाजिब कर देता है।
-
अल्लाह को यह पसंद है
इस बात को पसंद करता है कि जब वह कोई काम करे तो अच्छे तरीके से करे
-
डेली हदीस
इन कामों का मरने के बाद भी सवाब जारी
....................................इन सबका सवाब इंसान को मरने के बाद भी मिलता रहता है।
-
शैतान के वासवसों के मुक़ाबिल मोमिन की जिम्मेदारी
इसका मतलब यह है कि हमें हमेशा शैतान के धोखों और बुरे विचारों से अल्लाह से पनाह मांगनी चाहिए , ताकि हम उसके फरेब और गुमराही से सुरक्षित रह सकें।
-
डेली हदीस
इंसान की अक़्ल की निशानी
उसकी अक़्ल की निशानी और उसके फ़ज़्ल अर्थात योग्यता व ज्ञान का सबूत होती है।
-
डेली हदीस
तक़वे की बरकतें
मुश्किलें, जब बहुत क़रीब आ चुकी हों, तब भी उससे दूर हो जाती हैं; रहमत, जो दूर चली गई हो, उस पर फिर मेहरबान हो जाती है;
-
डेली हदीस
तवाज़ों और विनम्रता
तुम्हारे रास्ते से गुज़रे, उसे सलाम करना — और किसी ऐसी जगह बैठना जो तुम्हारी अपनी जगह से नीची हो
-
-
-
-
डेली हदीस
क़ुम हरमे आले रसूल स.अ.
जल्दी ही मेरी औलाद में से एक शख्सियत, जिसका नाम फातिमा होगा, वहीं दफन की जाएगी।
-
-
इमाम हसन असकारी और इस्लाम की बक़ा
इमाम हसन असकरी अ.स. ने हर तरह के दबाव और अब्बासी हुकूमत की ओर से कड़ी निगरानी के बावजूद दीन की हिफ़ाज़त और इस्लाम विरोधी विचारधारा का मुक़ाबला करने के लिए अनेक राजनीतिक, सामाजिक और इल्मी कोशिशें अंजाम देते रहे और अब्बासी हुकूमत की इस्लाम की नाबूदी की साज़िश को नाकाम कर दिया,
-
-
डेली हदीस
इमाम अली और ज़रुरतमंद लोग
नमाज़ के बाद बैठकर सूरज निकलने तक दुआ और ज़िक्र करते रहते थे। सूरज निकलते ही ग़रीब, ज़रूरतमंद और आम लोग उनके पास इकट्ठा हो जाते थे। वे उन्हें दीन की बातें और क़ुरआन सिखाते थे।
-
-
डेली हदीस
अपना हिसाब करो फायदे में रहोगे
आत्मनिरीक्षण करता है, वह फ़ायदा उठाता है; और जो इससे ग़ाफ़िल रहता है, वह घाटे में रहता है।"
-
डेली हदीस
इमाम से नज़दीकी का तरीक़ा
.....एक-दूसरे से मिलते-जुलते रहें और आपस में मोहब्बत बढ़ाएँ, क्योंकि यही मेरे क़रीब होने का ज़रिया है।
-
यमन के खिलाफ यूएई इस्राईल और अमेरिका की खुफिया मुहिम का साथी
यह सारी साज़िशें यमन के भीतर और गज़्ज़ा के लिए बने सपोर्ट फ्रंट को कमजोर करने के लिए हैं। मंत्रालय ने सऊदी अरब और अमीरात पर अमेरिका-इस्राईल के लिए फंडिंग करने का आरोप लगाया।
-
डेली हदीस
बातिल हुकूमत और इमाम ज़माना अ.स.
वे ग़लत और ज़ालिम हुकूमत के दौर में सब्र करेंगे। इसलिए तुम भी अपने परवरदिगार के हुक्म से सब्र करो। जब सारे जहानों के सरदार का ज़हूर होगा तो विरोधी लोग कहेंगे: “हाय अफ़सोस! किसने हमें हमारी कब्रों से उठा दिया?
-
डेली हदीस
जन्नत के रास्तों का रहनुमा
जन्नत की राहों का राहनुमा और चिराग़ और अकेलेपन का साथी, और परदेस में मददगार, और तन्हाई में बातचीत करने वाला दोस्त है।