:امام علی علیه السلام
.مَن صَحَّت مَعرِفَتُهُ انصَرَفَت عَنِ العالَمِ الفاني نَفسُهُ وهِمَّتُهُ
غرر الحكم : ج ۵ ص ۴۵۳ ح ۹۱۴۲
इमाम अली अ.स.
जिसे अल्लाह की सहीह मारेफ़त हो वह इस फ़ानी दुनिया से अपने नफ़्स और इच्छाओं को फेर लेता है ।
वह इस फ़ानी दुनिया से अपने नफ़्स और इच्छाओं
:امام علی علیه السلام
.مَن صَحَّت مَعرِفَتُهُ انصَرَفَت عَنِ العالَمِ الفاني نَفسُهُ وهِمَّتُهُ
غرر الحكم : ج ۵ ص ۴۵۳ ح ۹۱۴۲
इमाम अली अ.स.
जिसे अल्लाह की सहीह मारेफ़त हो वह इस फ़ानी दुनिया से अपने नफ़्स और इच्छाओं को फेर लेता है ।
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