अहलेबैत समाचार एजेंसी: मिस्र की अगुवाई में सऊदी अरब, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात सहित कुछ अरब देश, फ़िलिस्तीन के विरूद्ध इस्राईल के साथ एकजुट हो गए हैं।
अमरीकी पत्रिका न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल क़ाहिरा में सैन्य विद्रोह और राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के बर्ख़ास्त किये जाने ने इस स्थिति में अपनी भूमिका निभाई।
दो साल पहले हमास के साथ संघर्ष के बाद चारों तरफ से अरब देशों से घिरे इस्राईल पर संघर्ष विराम के लिए दबाव था।
वाशिंगटन में स्थित विल्सन सेंटर स्कालर आरेन डेविड मिलर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस बार अरब देशों की राजनीतिक इस्लाम से नफ़रत इतनी ज़्यादा हो चुकी है कि उन्होंने इस्राईली प्रधानमंत्री बिनयामिन नितेनयाहू से अपनी एलर्जी की भी अनदेखी की है।
उन्होंने कहा कि ऐसी सूरत कभी नहीं देखी गई कि जिसमें इतनी बड़ी संख्या में अरब देश ग़ज़्ज़ा नरसंहार और हमास के विनाश पर ख़ामोश बैठे रहे हों।
1 अगस्त 2014 - 16:03
समाचार कोड: 628184

मिस्र की अगुवाई में सऊदी अरब, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात सहित कुछ अरब देश, फ़िलिस्तीन के विरूद्ध इस्राईल के साथ एकजुट हो गए हैं।