23 जून 2014 - 20:25
झगड़ा शिया-सुन्नी के बीच नहीं बल्कि मुसलमान और ख़वारिज के बीच।

रिपोर्ट के अनुसार इराक़ और दुनिया में जारी आतंकवाद को समाप्त करने के लिये कल रात लखनऊ के मशहूर, छोटे इमामबाड़े में दुआए जौशन सग़ीर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दुआ में बहुत बड़ी संख्या में जवानों, बूढ़ों, बच्चों और महिलाओं नें भाग लेकर दुनिया भर और ख़ास तौर से इराक़ में अमन व शांति की स्थापना के लिये अपने रब से दुआ की।

रिपोर्ट के अनुसार इराक़ और दुनिया में जारी आतंकवाद को समाप्त करने के लिये कल रात लखनऊ के मशहूर, छोटे इमामबाड़े में दुआए जौशन सग़ीर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दुआ में बहुत बड़ी संख्या में जवानों, बूढ़ों, बच्चों और महिलाओं नें भाग लेकर दुनिया भर और ख़ास तौर से इराक़ में अमन व शांति की स्थापना के लिये अपने रब से दुआ की।
इससे पहले हुए जलसे को सम्बोधित करते हुए शिया धर्मगुरू डाक्टर कल्बे सादिक़ नें कहा कि सुन्नी मुसलमान अहलेबैत अ. की महानता को मानते हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों में तीन तरह के लोग होते हैं, सुन्नी, शिया और ख़्वारिज। ख़्वारिज लोगों से हज़रत अली अ. की लड़ाई हुई थी और वह अहलेबैत अ. व उनकी निशानियों के दुश्मन हैं। डाक्टर कल्बे सादिक़ नें ख़ास तौर से मुसलमानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सारी समस्याओं की जड़ जेहालत है। उन्होंने कहा जिसने अंग्रेज़ी छोड़ी वह दुनिया से गया और जिसनें अरबी छोड़ी वह आख़ेरत से गया।
इस अवसर पर शहर क़ाज़ी अबुल इरफ़ान फ़िरंगी महली नें कहा कि हमारे बीच मोहब्बत कम होने की वजह से हालात ख़राब होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में मुसलमानों की शक्ल में आतंकवादी मुसलमान नहीं हैं बल्कि यह इस्लाम के दुश्मन हैं। शहर क़ाज़ी और बुज़ुर्ग सुन्नी आलिमेदीन अबूल इरफ़ान फ़िरंगी महली नें मुसलमानों से एकजुट होकर आतंकियों की साज़िशों का मुँहतोड़ जवाब देने की अपील की।

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