15 सितंबर 2025 - 19:40
अहले बैत न्यूज़ एजेंसी पहुंचे उम्मते वाहिदा के प्रमुख अल्लामा अमीन शहीदी

पाकिस्तान के एक बड़े प्रचारक, जिनके सोशल मीडिया पर लाखों अनुयायी हैं, ने कहा कि मैंने प्रतिरोध के बारे में एक समूह में बात की, कुछ लोगों ने विरोध किया, मैंने उनसे कहा कि क्या इस्राईल सुन्नी है कि तुम उसके साथ ईरान के खिलाफ खड़े हो?

पाकिस्तान की पार्टी उम्मते वाहिदा के अध्यक्ष और अहल-ए-बैत (अ.स.) वर्ल्ड असेंबली के सदस्य हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन "मोहम्मद अमीन शहीदी" अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ABNA के कार्यालय आए और इस समाचार एजेंसी की गतिविधियों से अवगत हुए।
इस दौरान, हज्जतुल इस्लाम अमीन शहीदी और अबना समाचार एजेंसी के प्रधान संपादक "हसन सदराई आरिफ" की उपस्थिति में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में पारस्परिक क्षमताओं और सहयोग पर चर्चा हुई।
हसन सदराई आरिफ ने इस बैठक में पाकिस्तान में अहल-ए-बैत (अ.स.) के चाहने वालों से संबंधित घटनाओं और समाचारों को प्रकाशित करने के लिए अहल-ए-बैत (अ.स.) समाचार एजेंसी की तैयारी की खबर देते हुए अबना और उम्मते वाहिदा के बीच सहयोग को आवश्यक बताया।

उम्मते वाहिदा पाकिस्तान के अध्यक्ष ने इस दौरान इस समाचार एजेंसी के पत्रकारों के साथ बैठक की और अपने भाषण में वर्तमान स्थिति और 12 दिवसीय थोपे गए युद्ध के बाद मीडिया की जिम्मेदारी और ईरान और पाकिस्तान के बीच सामान्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
हज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अमीन शहीदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में अबना समाचार एजेंसी की गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह समाचार एजेंसी अहल-ए-बैत (अ.स.) के नाम पर है। जब हम अहल-ए-बैत (अ.स.) का नाम लेते हैं तो हमें यह समझना चाहिए कि अहल-ए-बैत (अ.स.) केवल शियाओं के नहीं हैं, बल्कि अहल-ए-बैत (अ.स.) अल्लाह की सिफात का प्रतीक हैं और सभी लोगों के हैं। इसलिए अहल-ए-बैत (अ.स.) के नाम पर एक समाचार एजेंसी का व्यापक दर्शक वर्ग होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मीडिया का समय है, अबना समाचार एजेंसी उपमहाद्वीप क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकती है। विदेशी मीडिया के पास ऐसा क्या है जो इतना प्रभावी है? यदि हम अल्लाह के मार्ग और अपने यकीन, अक़ीदे और विचारों पर चलें, तो निश्चित रूप से हम भौतिक मोर्चों पर भी उसी तरह विजयी होंगे जैसे हम आध्यात्मिक मोर्चों पर विजयी होते हैं। हम सत्य और सच्चाई की तलाश में हैं और लोगों को एक-दूसरे से जोड़ना चाहते हैं।

 उम्मते वाहिदा पाकिस्तान के अध्यक्ष ने अबना समाचार एजेंसी के सामने कार्य के क्षेत्र को व्यापक बताया और कहा कि अबना समाचार एजेंसी अन्य मीडिया की तुलना में अधिक व्यापक मीडिया क्षेत्र रख सकती है। यदि हम मैदान के बारे में आवश्यक जानकारी रखते हैं, तो हम अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन कर सकते हैं।
उन्होंने 12-दिवसीय युद्ध में उपमहाद्वीप क्षेत्र के लोगों के ईरान के समर्थन का उल्लेख करते हुए कहा कि उपमहाद्वीप क्षेत्र में, विशेष रूप से पाकिस्तान में, हमने देखा कि सरकारी अधिकारियों और विभिन्न वर्गों के लोगों, विशेष रूप से बुद्धिजीवियों और धर्मविदों ने 12-दिवसीय युद्ध में ईरान और प्रतिरोध मोर्चे का समर्थन किया और उन्होंने युद्ध में ईरान की जीत पर खुशी व्यक्त की, जो इस्लामी क्रांति और अहल-ए-बैत (अ.स.) के प्रति उनके लगाव को दर्शाता है। इन संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है। 
हमें उपमहाद्वीप क्षेत्र को देखना चाहिए, यह जानना चाहिए कि इस क्षेत्र की क्या आवश्यकताएं हैं, और उन कमजोर बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए जिनका दुश्मन फायदा उठाता है, ताकि लोगों का ध्यान सत्य के मोर्चे पर केंद्रित हो।
उन्होंने कहा: भारतीय उपमहाद्वीप में अहले-बैत (अ.स.) के के लिए इश्क की भावना मौजूद है और यह जानना चाहिए कि इस इश्क और उसके असर को और कैसे बढ़ाया जा सकता है। 
पाकिस्तान में विभिन्न समूह हैं जिन्हें अहले बैत (अ.स.) से लगाव और उनसे मोहब्बत है। हमें इन समूहों की पहचान करनी चाहिए ताकि हम देख सकें कि ये समूह हमारी किन क्षेत्रों में मदद कर सकते हैं। हम अहल-ए-बैत (अ.स.) जैसी समानताओं में सबसे अधिक समन्वय कर सकते हैं। यह समन्वय मीडिया के माध्यम से होता है। अबना समाचार एजेंसी को एक समिति का गठन करना चाहिए और इस क्षेत्र में गहन कार्य करना चाहिए।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन शहीदी ने कहा कि पाकिस्तान 12-दिवसीय युद्ध में ईरान के साथ था। पाकिस्तान के राजनेताओं, धर्मविदों, प्रचारकों और आम जनमानस ने 12-दिवसीय युद्ध के दौरान ईरान का साथ दिया। पाकिस्तान के सबसे कट्टर देवबंदी विद्वानों ने भी ईरान और इस्लामी क्रांति का समर्थन किया।
 पाकिस्तान के एक बड़े प्रचारक, जिनके सोशल मीडिया पर लाखों अनुयायी हैं, ने कहा कि मैंने प्रतिरोध के बारे में एक समूह में बात की, कुछ लोगों ने विरोध किया, मैंने उनसे कहा कि क्या इस्राईल सुन्नी है कि तुम उसके साथ ईरान के खिलाफ खड़े हो? इसलिए हमने देखा कि हाल के युद्ध के दौरान, पाकिस्तान में देवबंदियों ने स्पष्ट रूप से ईरान का समर्थन किया। जबकि हमारी देवबंदियों के बारे में धारणा यह है कि वह शिया के दुश्मन हैं।

उन्होंने कहा कि हमें यह जानना चाहिए कि पाकिस्तानी समाज में हमारे लिए क्या क्षमताएं हैं। पाकिस्तान के मीडिया से जुड़े लोग 12-दिवसीय युद्ध के दौरान ईरान के साथ थे, उनके ज़ायोनी विरोधी रुख ईरान के मीडिया की तुलना में अधिक कठोर हैं। पाकिस्तानी समाज में मौजूद क्षमताओं पर विस्तृत अध्ययन और कार्य किया जाना चाहिए। ईरानी समाज और मीडिया के स्तर पर, पाकिस्तानी समाज के बारे में गलतफहमियों और दूरियों को दूर करें और ईरानी मीडिया में इस समाज की सच्ची तस्वीर पेश करें। हमें द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाना चाहिए और पाकिस्तान में अबना समाचार एजेंसी के कार्यालय के उद्घाटन का गवाह बनना चाहिए।

बता दें कि अहल-ए-बैत (अ.स.) समाचार एजेंसी - अबना, 27-भाषाओं में सेवा देने वाली समाचार एजेंसी है जो धार्मिक घटनाओं, विशेष रूप से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अहल-ए-बैत (अ.स.) के चाहने और मानने वालों की खबरों को प्रकाशित करने के लिए समर्पित है। अंतरराष्ट्रीय स्तर और मीडिया कूटनीति के क्षेत्र में यही इस समाचार एजेंसी का मुख्य लक्ष्य है।

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