16 सितंबर 2025 - 13:04
दोहा बैठक के बयान पर ईरान का सख्त रुख, "फिलिस्तीनियों को मिले स्वतंत्रता

फिलिस्तीन मुद्दे का एकमात्र न्यायपूर्ण और स्थायी समाधान एक लोकतांत्रिक राज्य का गठन है, जो सभी फिलिस्तीनियों की भागीदारी से जनमत संग्रह के जरिए अस्तित्व में आए। इसी कारण ईरान ने “दो-राज्य समाधान”, “पूर्वी येरुशलम” और “1967 की सीमाओं” जैसी शर्तों से खुद को अलग बताया।

कतर की राजधानी दोहा में जायोनी हमलों के खिलाफ हुए अरब इस्लामी देशों के सम्मेलन के बयान पर ईरान ने औपचारिक प्रतिक्रिया दी है।  ईरान ने स्पष्ट किया कि वह फिलिस्तीनी जनता के आत्मनिर्णय के अधिकार का दृढ़ और अटूट समर्थन करता है और ज़ायोनी अत्याचारों की कड़ी निंदा करता है।

ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि फिलिस्तीन मुद्दे का एकमात्र न्यायपूर्ण और स्थायी समाधान एक लोकतांत्रिक राज्य का गठन है, जो सभी फिलिस्तीनियों की भागीदारी से जनमत संग्रह के जरिए अस्तित्व में आए। इसी कारण ईरान ने “दो-राज्य समाधान”, “पूर्वी येरुशलम” और “1967 की सीमाओं” जैसी शर्तों से खुद को अलग बताया।

तेहरान ने जोर देकर कहा कि बैठक के बयान को किसी भी तरह इस्राईल को मान्यता देने की कोशिश न समझा जाए। ईरान ने यह भी कहा कि फिलिस्तीनी जनता को अपनी आज़ादी और आत्मनिर्णय के लिए सभी संभव साधनों का इस्तेमाल करने का अधिकार है।

ईरान ने हर उस राष्ट्रीय मेल-मिलाप समझौते का समर्थन किया जो फिलिस्तीनी जनता की इच्छा और आम सहमति से बने। वहीं अमेरिका पर निशाना साधते हुए ईरान ने कहा कि वह अपनी नीतियों से हमेशा ज़ायोनी अत्याचार का समर्थक रहा है, इसलिए उसे किसी भी तरह निष्पक्ष मध्यस्थ नहीं माना जा सकता।

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