:قال امیر المومنین علیہ السلام
رُبَّ عَالِم قَدْ قَتَلَهُ جَهْلُهُ، وَعِلْمُهُ مَعَهُ لاَ يَنْفَعُهُ۔
نھج البلاغہ، حکمت ۱۰۷
अमीरुल मोमेनीन अली अ.स. :
कितने आलिम हैं जिन्हे उनकी जिहालत ने हलाक कर दिया हालांकि उनके पास इल्म था लेकिन उसने उन्हे कोई फायदा नहीं पहुंचाया।
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