9 अप्रैल 2025 - 15:54
अधिक दुआ करने का कारण

 

जब इंसान अधिक दुआ करता है और उस पर कोई मुसीबत आना होती है  और वह दुआ करे तो कहा जाएगा कि यह तो जानी पहचानी आवाज़ है 

قال الامام الصادق علیه السلام:

كانَ جَدّي يَقولُ: تَقَدَّموا فِي الدُّعاءِ؛ فَإِنَ‌ العَبدَ إذا كانَ‌ دَعّاءً فَنَزَلَ‌ بِهِ البَلاءُ فَدَعا، قيلَ: صَوتٌ مَعروفٌ، و إذا لَم يَكُن دَعّاءً فَنَزَلَ بِهِ بَلاءٌ فَدَعا، قيلَ: أينَ كُنتَ قَبلَ اليَومِ؟!

الكافي، شیخ کلینی (۳۲۹ ق)، ج ۲، ص ۴۷۲، ح ۵

इमाम सादिक़ अ.स.

 दुआ करने में दूसरों पर पहल करो क्योंकि जब इंसान अधिक दुआ करता है और उस पर कोई मुसीबत आना होती है  और वह दुआ करे तो कहा जाएगा कि यह तो जानी पहचानी आवाज़ है 

और जब वह ज़्यादा दुआ न करता हो और मुसीबत नाज़िल हो और वह दुआ करे तो कहा जाएगा कि इस से पहले तू कहाँ था ?

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