ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इस्राईली संसद में दिए गए ईरान-विरोधी भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका दुनिया में आतंकवाद का सबसे बड़ा सरपरस्त और इस्राईली अपराधों का संरक्षक है, इसलिए उसे किसी दूसरे देश पर आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं।
ट्रम्प ने अपने भाषण में दावा किया था कि ईरान की परमाणु साइट्स पर हमला किया गया है और ईरान को भारी नुकसान हुआ है। इस पर ईरान ने इन बयानों को उकसावे भरा और हकीकत से दूर बताया। मंत्रालय ने कहा कि ईरान अपनी संप्रभुता और सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं करेगा।
बयान में कहा गया कि ईरान अपने शहीद जनरल क़ासिम सुलेमानी को हमेशा सम्मान के साथ याद करता है, जिन्होंने अमेरिका समर्थित आतंकी संगठन ‘आईएसआईएस’ के खिलाफ ऐतिहासिक भूमिका निभाई। अमेरिका द्वारा किए गए इस जघन्य अपराध को ईरानी जनता कभी नहीं भूलेगी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को लेकर झूठे दावे, अमेरिका और इस्राईल द्वारा ईरान पर हमलों और उसके बहादुर जवानों की टारगेट किलिंग जैसे अपराधों को जायज़ नहीं ठहरा सकते।
ईरान ने कहा कि फ़िलिस्तीन में इस्राईली नरसंहार और युद्ध अपराधों में अमेरिका की सक्रिय भागीदारी किसी से छिपी नहीं है। अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र में इस्राईल के खिलाफ कार्रवाई रोकने और अंतरराष्ट्रीय न्याय से इस्राईली अपराधियों को बचाने की नीति पर जवाब देना चाहिए।
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