लेबनान का लोकप्रिय जनांदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव शेख़ नईम क़ासिम ने कहा है कि प्रतिरोध सिर्फ़ मोर्चे पर जाकर दुश्मन से लड़ने का नाम नहीं, बल्कि यह नैतिक और आध्यात्मिक विद्यालय भी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बेरूत में आयोजित एक कार्यक्रम "अजयाले सय्यद" में उन्होंने अल-महदी स्काउट्स से खिताब करते हुए कहा प्रतिरोध केवल सैन्य नहीं, बल्कि एक नैतिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और रूहानी रास्ता है।
यह समारोह बेरूत के कुमैल शमऊन स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में हुआ, जहाँ 74 हज़ार से ज़्यादा स्काउट्स ने हिज़्बुल्लाह के शहीद नेता सय्यद हसन नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शेख़ क़ासिम ने युवाओं से कहा कि “आप एक पवित्र आयोजन में इकट्ठे हुए हैं; अल-महदी स्काउट्स वह रौशनी हैं जो युवाओं को ऊँचे शैक्षिक और नैतिक लक्ष्यों की ओर ले जाती है।”
उन्होंने कहा कि तमाम मुश्किलों के बावजूद बेहतर भविष्य की उम्मीद ज़िंदा है, और अल-महदी स्काउट्स ने प्रतिरोध के रास्ते पर दृढ़ता और स्थिरता दिखाई है।
शेख़ क़ासिम ने स्पष्ट किया कि “जब हम मुक़ावमत, प्रतिरोध की बात करते हैं, तो हमारा मतलब शिक्षा, संस्कृति, नैतिकता और राजनीति के सिद्धांतों से होता है। प्रतिरोध एक आध्यात्मिक प्रशिक्षण है तथा दुश्मन के ख़िलाफ़ संघर्ष, ईमान, संकल्प, धैर्य, गरिमा और आज़ादी की पहचान है।”
अंत में उन्होंने युवाओं को नसीहत की: “अल्लाह पर सच्चा ईमान रखो, माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करो, दीन और शिक्षा में मेहनत करो, और इमाम महदी (अ.स.) के सिपाहियों में शामिल हो जाओ।”
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